Jan262024BiharDelhiIn the PressIndiaPhotos सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण में अग्रणी, सुलभ इंटरनेशनल (Sulabh International) के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता 80 साल के बिंदेश्वरी पाठक (Bindeshwar Pathak) को मरणोपरंत यह सम्मान दिया गया है. Edited by बिक्रम कुमार सिंह, Updated: 26 जनवरी, 2024 12:35 PM बिहार के रहने वाले विंदेश्वर पाठक को सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान देने के लिए भारत सरकार की तरफ से पद्म विभूषण सम्मान देने का फैसला किया गया गया है. सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण में अग्रणी, सुलभ इंटरनेशनल (Sulabh International) के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता 80 साल के बिंदेश्वरी पाठक (Bindeshwar Pathak) को मरणोपरंत यह सम्मान दिया गया है. बिहार के वैशाली जिले के रामपुर बघेल गांव में इनका हुआ था. इनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है. विंदेश्वर पाठक ने 1970 में सुलभ की स्थापना की थी जो सार्वजनिक शौचालय का पर्याय बन गया. देखा जाए तो खुले में शौच को रोकने के लिए जल्द ही यह आंदोलन बन गया. कार्यकर्ता और सामाज सेवी पाठक को कई लोग ‘सैनिटेशन सांता क्लास’ भी कहते थे. बिंदेश्वर पाठक ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके घर में रहने के लिए तो 9 कमरे थे, लेकिन शौचालय नहीं था. उन्होंने ऐसे समय को देखा जब सुबह सवेरे सूर्योदय से पहले ही महिलाएं शौच के लिए घर से बाहर जाया करती थीं. ऐसे में उन्होंने तय किया कि कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे महिलाएं और आमलोगों को शौचालय की व्यवस्था हो. फिर उन्होंने सुलभ शौचालय की संस्थापना की. देशभर में सुलभ इंटरनेशनल के करीब 8500 शौचालयों और स्नानघर हैं. सुलभ इंटरनेशनल के शौचालय के प्रयोग के लिए 5 रुपये और स्नान के लिए 10 रुपये लिए जाते हैं. जबकि कई जगहों पर इन्हें सामुदायिक प्रयोग के लिए मुफ़्त भी रखा गया है. Source : https://ndtv.in/india/vindeshwar-pathak-famous-as-toilet-man-received-padma-vibhushan-award-posthumously-4934698 Categories: Bihar, Delhi, In the Press, India, PhotosBy dev-sulabh-admin26 January 2024 Share this post Share on FacebookShare on Facebook Share on XShare on X Pin itShare on Pinterest Share on LinkedInShare on LinkedIn Author: dev-sulabh-admin https://www.sulabhinternational.org Post navigationPreviousPrevious post:Menstruation – taboos, stigma, constraints still persist, reveals studyNextNext post:Bharat Ratna Karpuri Thakur, Padma Vibhushan Bindeshwar Pathak, Cp Thakur, Four Padmashris for BiharRelated postsSulabh Sanitation Towards Mountains: Preserving the Sacred Landscapes of Adi Kailash and Om Parbat4 November 2024Swachhata Hi Seva – 2024: ‘Swabhav Swachhata – Sanskaar Swachhata’19 September 2024Sulabh Unveils Vision for Food Security on World Food Day19 September 2024Sulabh International Launches Swachhata Hi Seva 2024 on PM Modi’s 74th Birthday17 September 2024Empowering Former Manual Scavengers as Advocates for Menstrual Health16 September 2024NDTV features Sulabh’s International Museum of Toilets.30 June 2024
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